जब पीनी पड़े चाय पे चाय, फिर भी काम ना हो पाय!
सरकारी दफ़्तर और ग़ैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोग, और वे नज़ारे जो चाहे-अनचाहे अक्सर ही दिख जाते हैं।
१ नवंबर २०२३ को प्रकाशित

लेखक के बारे में
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राजिका सेठ आईडीआर हिंदी की प्रमुख हैं, जहां वह रणनीति, संपादकीय निर्देशन और विकास का नेतृत्व सम्भालती हैं। राजिका के पास शासन, युवा विकास, शिक्षा, नागरिक-राज्य जुड़ाव और लिंग जैसे क्षेत्रों में काम करने का 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने रणनीति प्रशिक्षण और सुविधा, कार्यक्रम डिजाइन और अनुसंधान के क्षेत्रों में टीमों का प्रबंधन और नेतृत्व किया। इससे पहले, रजिका, अकाउंटेबिलिटी इनिशिएटिव, सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में क्षमता निर्माण कार्य का निर्माण और नेतृत्व कर चुकी हैं। रजिका ने टीच फॉर इंडिया, नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी और सीआरईए के साथ भी काम किया है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में बीए और आईडीएस, ससेक्स यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट स्टडीज़ में एमए किया है।
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इंद्रेश शर्मा आईडीआर में मल्टीमीडिया संपादक हैं और वीडियो सामग्री के प्रबंधन, लेखन निर्माण व प्रकाशन से जुड़े काम देखते हैं। इससे पहले इंद्रेश, प्रथम और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। इनके पास डेवलपमेंट सेक्टर में काम करने का लगभग 12 सालों से अधिक का अनुभव है जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, पोषण और ग्रामीण विकास क्षेत्र मुख्य रूप से शामिल रहे हैं।