विकास सेक्टर में काम करने वालों के लिए प्रस्तावित मौलिक अधिकार
संविधान हमें संवैधानिक अधिकार देता है लेकिन यहां पर विकास सेक्टर के लिए जरुरी कुछ ‘सुविधानिक अधिकारों’ की बात की गई है।
२९ नवंबर २०२४ को प्रकाशित
हमने अपनी और विकास सेक्टर में काम करने वाले अपने साथियों की स्थिति पर बेहद गहन विचार-विमर्श किया। ऐसा करने पर हमें कुछ अधिकारों की जरूरत महसूस हुई जिनकी मांग हमने यहां रखी है। चूंकि ये अधिकार हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं और हमारी जिंदगी को आसान बना सकते हैं, इसलिए हमने इन्हें ‘सुविधानिक अधिकार’ नाम दिया है। ये कुछ इस प्रकार हैं:
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लेखक के बारे में
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अंजलि मिश्रा, आईडीआर में हिंदी संपादक हैं। इससे पहले वे आठ सालों तक सत्याग्रह के साथ असिस्टेंट एडिटर की भूमिका में काम कर चुकी हैं। उन्होंने टेलीविजन उद्योग में नॉन-फिक्शन लेखक के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। बतौर पत्रकार अंजलि का काम समाज, संस्कृति, स्वास्थ्य और लैंगिक मुद्दों पर केंद्रित रहा है। उन्होंने गणित में स्नातकोत्तर किया है।
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रवीना कुंवर, आईडीआर हिंदी में डिजिटल मार्केटिंग एनालिस्ट हैं। इससे पहले वे एक रिपोर्टर के तौर पर काम कर चुकी हैं जिसमें उनका काम मुख्यरूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित था। रवीना, मीडिया और कम्युनिकेशन स्टडीज़ में स्नातकोत्तर हैं।