युवा
देश में बच्चों, किशोरों और युवाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधिकार से जुड़े विमर्शों को मंच देना।
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ग्रामदान की वर्तमान चुनौतियां और कानूनी उलझनें
हमारे देश में ग्रामदानी व्यवस्था पचास वर्षों से भी ज्यादा पुरानी है। लेकिन जो गांव उस दौर में ग्रामदान को स्वीकार कर चुके थे, वे अब उससे पीछे हटना चाहते हैं। -
फोटो निबंध: पॉपलर की कमी से जूझता कश्मीर का ‘पेंसिल गांव’
कश्मीर का ओखू गांव भारत में पेंसिल की स्लैट का सबसे बड़ा उत्पादक है। पॉपलर वृक्षों की कटाई ने लकड़ी की आपूर्ति, रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था—तीनों को संकट में डाल दिया है। -
नई इंटर्नशिप योजना: युवाओं की उड़ान या अधूरी पहचान?
भारत की नई इंटर्नशिप योजना एक मजबूत पहल है। लेकिन जागरूकता की कमी, ढीले नियम और स्थायी रोजगार की कमी इसे कमजोर बना सकते हैं। -
घुमंतू और विमुक्त जनजाति के युवाओं के लिए सामाजिक न्याय
एनटी-डीएनटी एक्टिविस्ट और अनुभूति संस्था की संस्थापक, दीपा पवार से सुनिए कि सामाजिक न्याय के व्यावहारिक प्रयास कैसे होने चाहिए। -
हाशिये पर मौजूद युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े प्रयास कैसे होने चाहिए?
युवाओं से जुड़े मानसिक स्वास्थ्य के प्रयास तब अधिक प्रभावी होते हैं जब ये उनके लिए प्रासंगिक, लोगों पर ध्यान केंद्रित करने वाले और समुदाय द्वारा चलाए जाने वाले हों। -
क्या युवाओं को दूसरे देशों में श्रम कार्य करने भेजना एक सही फैसला है?
अपनी विशाल आबादी की बदौलत भारत, कई दशकों से अपनी युवा श्रम शक्ति के लिए योग्य रोजगार ढूंढ पाने में असफल एवं संघर्षरत रहा है। -
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भारत को और अधिक युवा उद्यमियों की जरूरत है
अधिकार और नियंत्रण का अभाव और असफलता का डर भारतीय युवाओं को उद्यमी बनने से रोक रहा है जिसे बदले जाने की जरूरत है। -
अगर पुरुष लैंगिक भेदभाव जैसी समस्या का हिस्सा हैं तो वे इसके समाधान में भी शामिल हो सकते हैं
लैंगिक समानता हासिल करने के उद्देश्य से जारी कार्यक्रमों को महिलाओं और वंचित पुरुषों से आगे बढ़कर उन पुरुषों पर ध्यान देना चाहिए जिनके पास सत्ता और ताक़त है।आरएनपी द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड