सीएसआर और लोक-कल्याण
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कला में निवेश है सामाजिक बदलाव की कुंजी
भारत के विकास सेक्टर में कला की भूमिका केवल कुछ प्रयासों तक सीमित है। यह स्थिति क्यों बदलनी चाहिए और फंडर कैसे दिखा सकते हैं एक नयी राह? -
महिला भूमि अधिकारों को लेकर दानदाताओं को कौन-सी बातें ध्यान रखनी चाहिए?
महिला सशक्तिकरण का एक मज़बूत विकल्प होने के बावजूद उनके भूमि अधिकारों से जुड़े कार्यक्रमों को मिलने वाली फ़ंडिंग बहुत सीमित है।वुमैनिटी फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
बंकर रॉय: ‘साधारण से समाधान को लागू करना सबसे अधिक कठिन होता है’
बेयरफुट कॉलेज के संस्थापक बंकर रॉय से उनकी यात्रा में आने वाली चुनौतियों और उनसे मिलने वाले अनुभवों और सीख पर, पत्रकार रजनी बख्शी से हुई बातचीत। -
फंडरेजिंग के लिए ऑनलाइन माध्यमों का सही इस्तेमाल कैसे करें?
संगठन की वेबसाइट से फंडरेजिंग करने और क्राउडफंडिग में से एक चुनने की शर्त जरूरी नहीं है क्योंकि दोनों तरीक़ों का एक साथ इस्तेमाल करने के विकल्प भी मौजूद हैं। -
एक एनजीओ के लिए ट्रू कॉस्ट फंडिंग कैसे हासिल करें?
ट्रू कॉस्ट फंडिंग क्या है, इसे कैसे हासिल करें और वह सब कुछ जो एनजीओ लीडर्स के लिए जानना जरूरी है। -
समाजसेवी संगठन वॉलंटीयरिंग का सही इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?
यदि वॉलंटीयरिंग सही ढंग से की जाए तो यह समाजसेवी संगठन और स्वयंसेवकों दोनों के लिए फ़ायदेमंद होता है, इसकी शुरूआत से जुड़े कुछ सुझाव। -
समाजसेवी संगठन खुदरा फंडरेज़िंग की शुरूआत कैसे कर सकते हैं?
रिटेल फंडरेज़िंग से न केवल सीएसआर और एचएनआई फ़ंडिंग पर स्वयंसेवी संस्थाओं की निर्भरता कम होती है बल्कि दानदाताओं का एक समुदाय बनाने में भी मदद मिलती है। -
मज़बूत एनजीओ बनाने के लिए पे व्हाट इट टेक्स
प्रशासनिक लागतों की अंडरफंडिंग उस प्रभाव को कम करती है, जिसके लिए फ़ंडर और एनजीओ दोनों प्रयास करते हैं। परोपकार से इसे ठीक किया जा सकता है। -
भारत में व्यक्तिगत दान देने वालों तक पहुँचना
आँकड़ों के अनुसार आम लोग अब पहले से अधिक दान देते हैं। स्वयंसेवी संस्थाएँ ऐसे कई कदम उठा सकती हैं जिससे परोपकार के इस क्षेत्र से अधिकतम लाभ हासिल किया जा सके।