विषय
विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने वाले तरीके, विचार और नए दृष्टिकोण।
-
‘औरतों का काम’: विकास सेक्टर में लैंगिक भेदभाव दिखता नहीं, तो क्या है नहीं?
कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव कई बार दिखाई नहीं देता है, इसलिए इसे पहचानना और इस पर बात करना जितना जरूरी है, उतना ही इसके समाधान के लिए ठोस नीतियां बनाना भी। -
नारीवादी नैतिकता और हालिया कानूनी नजरिए में क्या और कितना अंतर है?
नारीवादी नजरिया कहता है आरोपी, पीड़ित और समाज तीनों के लिए न्याय की भावना बनी रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए सिस्टम और व्यक्ति को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। -
कला में निवेश है सामाजिक बदलाव की कुंजी
भारत के विकास सेक्टर में कला की भूमिका केवल कुछ प्रयासों तक सीमित है। यह स्थिति क्यों बदलनी चाहिए और फंडर कैसे दिखा सकते हैं एक नयी राह? -
-
फोटो निबंध: उत्तर त्रिपुरा के गौर समुदाय की पलायन यात्रा
कभी बांग्लादेश से त्रिपुरा की ओर पलायन करने वाला गौर समुदाय आज रबर की खेती के कारण खराब जमीन और पानी के संकट से जूझ रहा है। -
फोटो निबंध: नीति निर्माण और स्थानीय संदर्भ-एक परस्पर संवाद की आवश्यकता
टिकाऊ और असरदार विकास योजनाएं तब बेहतर काम करती हैं जब वे ज़मीनी हकीकत, सामुदायिक भागीदारी और वास्तविक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की जायें। -
हमारे कानूनों को हिंदी में पढ़ना और समझ पाना इतना कठिन क्यों है?
जनहित के लिहाज से सबसे जरूरी कानूनों को भी जिस तरह की हिंदी में लिखा जाता है, उसे समझने के लिए आम लोग तो छोड़िए हिंदी के जानकारों को भी कई बार शब्दकोश देखना पड़ सकता है। -
विकलांगता पर संवेदनशील पत्रकारिता: एक मार्गदर्शिका
विकलांगता के विषय पर होने वाली रिपोर्टिंग की भाषा में संवेदनशीलता की जरूरत है। -
समुदाय से संवेदना तक: मानसिक स्वास्थ्य में भागीदारी का सफर
जब कोई कार्यक्रम किसी लोगों के अनुभवों से मिलकर तैयार किया जाए तो वह अधिक मानवीय, नवीन और समानता आधारित होता है।