विषय
विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने वाले तरीके, विचार और नए दृष्टिकोण।
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क्वीयर और ट्रांस समावेशन: ढांचागत सोच से सशक्त होगी भागीदारी
समावेशन पर चर्चा के बावजूद क्वीयर और ट्रांस व्यक्तियों को अब भी संस्थानों, आजीविका के विकल्पों और नीति-निर्माण के मंचों से व्यवस्थित बहिष्कार झेलना पड़ता है। -
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शिक्षक से, शिक्षक के लिए: पीयर लर्निंग से सशक्त होती कक्षाएं
पीयर लर्निंग, एलुमनी नेटवर्क और संस्थागत समर्थन शिक्षकों के प्रशिक्षण को महज एक औपचारिकता से आगे ले जाकर परिवर्तनकारी अनुभव में बदल रहा है। -
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जन से, जन के लिए: फिलन्थ्रॉपी और सामाजिक न्याय का अटूट संबंध
फिलन्थ्रॉपी भय के माहौल में फल-फूल नहीं सकती, खासतौर से तब जब उसका उद्देश्य ही लोगों को भयमुक्त और सशक्त बनाना हो। -
हम स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने में कहां पिछड़ रहे हैं?
भारत में स्थानीय उद्यमिता, आज भी कई तकनीकी, वित्तीय और संस्थागत बाधाओं के चलते सीमित है लेकिन योजनाओं के साथ-साथ इससे जुड़ी समझ को बढ़ाने पर काम कर स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है। -
ज्ञान की राजनीति: संविधान और एनटी-डीएनटी समुदाय
एकपक्षीय प्रसार के कारण संवैधानिक ज्ञान अभी भी एनटी-डीएनटी समुदायों की पहुंच से बाहर है। -
सरकार के साथ जुड़ने के कुछ कारगर उपाय – भाग 2
वीडियो के इस भाग में हम बात कर रहे हैं, अगले कदम की— यानी, अधिकारियों से प्रभावी संवाद और बेहतर संबंध कैसे स्थापित करें। -
नए एफसीआरए संशोधनों के क्या मायने हैं
जानिए कि 2025 के एफसीआरए संशोधन गैर-लाभकारी संगठनों, विशेष रूप से प्रकाशन से जुड़े संगठनों को किस प्रकार प्रभावित करते हैं।