विषय
विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने वाले तरीके, विचार और नए दृष्टिकोण।
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मज़बूत एनजीओ बनाने के लिए पे व्हाट इट टेक्स
प्रशासनिक लागतों की अंडरफंडिंग उस प्रभाव को कम करती है, जिसके लिए फ़ंडर और एनजीओ दोनों प्रयास करते हैं। परोपकार से इसे ठीक किया जा सकता है। -
फ़ोटो निबंध: प्रदूषण और कचरे के ढ़ेर में दबता हुआ हिमालय
कचरा प्रबंधन के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर देश भर में लगे प्रतिबंध को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र में। -
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अनौपचारिक श्रमिकों के लिए सुरक्षित प्रवास की स्थायी व्यवस्था कैसे की जा सकती है
कोविड-19 महामारी के दौरान हमने देखा भारत में प्रवासी मज़दूरों की संख्या कितनी बड़ी और दशा कैसी दुर्भाग्यपूर्ण है। यह आलेख स्वयंसेवी संस्थाओं को इन असंगठित मज़दूरों को मुख्यधारा में शामिल करने से जुड़े कुछ उपाय सुझाता है। -
आईडीआर इंटरव्यूज । सुषमा अयंगर
कच्छ में अपने अभूतपूर्व काम के लिए जानी जाने वाली सुषमा अयंगर आईडीआर से बातचीत में बता रही हैं कि उनका सारा ध्यान महिला अधिकार और ग्रामीण विकास पर क्यों हैं। साथ ही उन्हें क्यों लगता है कि आज महिला सशक्तिकरण का दायरा आर्थिक परिवर्तन तक सीमित है। -
युवाओं की ज़रूरतों को नहीं, उनकी इच्छाओं को समझना
एक युवा भारतीय केवल आमदनी के लिए रोज़गार नहीं चाहता है बल्कि वह स्वस्थ माहौल में ऐसा काम करना चाहता है जो उसके उज्जवल भविष्य की योजनाओं में मददगार हो।अशोक द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
“युवाओं की आवाज़ सुनी जानी चाहिए”
जमशेदपुर के एक स्वयंसेवी संस्था के संस्थापक के बारे में पढ़िये जो ट्रांसजेंडर, क्वीर और हाशिए पर जी रहे युवाओं को सशक्त बनाना चाहते हैं। -
महिलाओं के नेतृत्व को पहचानने के अवसर में तब्दील एक संकट
स्वयं शिक्षण प्रयोग की संस्थापक प्रेमा गोपालन से हुई बातचीत जिसमें वे महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी साधन के रूप में खेती की भूमिका पर बात कर रही हैं।अशोक द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड