विषय
विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों को जोड़ने वाले तरीके, विचार और नए दृष्टिकोण।
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रोज़गार को लेकर भारतीय युवाओं को भविष्य से क्या उम्मीद करनी चाहिए
रोज़गार के मामले में वैश्विक स्तर पर हो रहे बदलाव युवाओं के कौशल विकास और उनकी तरक्की की उम्मीद जगाते हैं। -
भारत में पिछड़े समुदायों और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की दूरी कम क्यों नहीं हो रही है?
भारत में थैरेपिस्ट अक्सर मानसिक स्वास्थ्य में मदद चाहने वालों को अपने सामाजिक तबके से अलग मानते हैं। एक अध्ययन बताता है कि क्यों यह नजरिया कारगर नहीं है और इसे सही करने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं। -
“जो आपके रास्ते में है वही आपका रास्ता है”
गोरखपुर के एक गैर-बाइनरी कार्यकर्ता के जीवन का दिन जो छोटे बच्चों को लिंग संवेदनशीलता के बारे में सिखाता है और शहर में पर्यावरण जागरूकता और शिक्षा पर काम करता है। -
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घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ लड़ रही एक आदिवासी महिला के जीवन का दिन
खुद घरेलू हिंसा की पीड़िता, ग्रामीण राजस्थान की एक आदिवासी महिला हिंसा का सामना करने वाली अन्य महिलाओं को न्याय और हक़ दिलाने में उनकी मदद कर रही है। -
जहां चाह वहां राह
वाराणसी के एक छात्र रिलेशनशीप मैनेजर के जीवन का दिन जो ख़ासकर महामारी के दिनों में युवाओं को रोज़गार के लिए कौशल विकास में प्रशिक्षण देती हैं। -
कैसे कार्यबल में मुसलमान महिलाओं के शामिल न हो पाने की पहली वजह पक्षपात भरी नियुक्तियां हैं
एक हालिया अध्ययन के अनुसार, भारत में मुसलमान महिलाओं को हिंदू महिलाओं की तुलना में प्रवेश-स्तर की नौकरियां मिलने की संभावना लगभग आधी होती है। ऐसे में एक समावेशी प्रक्रिया तय करने के लिए संगठनों को क्या करना चाहिए? -
फोटो निबंध: घरेलू वायु प्रदूषण का महिलाओं के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस सिलिंडरों का उपयोग बढ़ा है। लेकिन अब भी कई सारी औरतें लकड़ी जलाकर खाना पकाती हैं। लकड़ी जैसे जैविक ईंधन के इस उपयोग का औरतों के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। -
आज भारत में एक शहरी नवयुवक होने के क्या मायने हैं?
देश के शहरी इलाक़ों में रहने वाले किशोरों और युवाओं की चिंताओं और चुनौतियों पर किए गए अध्ययन के नतीजे क्या बताते हैं।आरएनपी द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड