लिंग
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क्या भूमि अधिकार महिलाओं के भविष्य को सुरक्षित कर सकता है?
गुजरात में पैरालीगल कर्मचारी के जीवन का एक दिन जो महिलाओं के सम्पत्ति के अधिकार के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाती है। वह विधवाओं को ज़मीन का मालिकाना हक़ दिलवाने और ज़मीन के रिकॉर्ड पर उनका नाम दर्ज करवाने में उनकी मदद करती है। -
लड़कियाँ और महिलाएँ राजनीति में अपना करियर क्यों नहीं बनाना चाहती हैं?
भारतीय राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी दूर की कौड़ी है। चूँकि साल 2022 में पाँच राज्यों में और 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं इसलिए ज़रूरी है कि हम ऐसे तरीक़े ढूँढें जिससे कि लड़कियाँ और महिलाएँ राजनीतिक प्रक्रियाओं में हिस्सा ले सकें। -
ओड़िशा की एक शिल्पकार ने गढ़ी अपनी ही कहानी
ओड़िशा की एक शिल्पकार जो अपनी कहानी बता रही है कि कैसे उसने महिला शिल्पकारों के साथ मिलकर अपनी एक विश्वसनीय पहचान बनाई और समुदाय विकसित किया। -
बिहार में बाल विवाह: यह अब तक क्यों चला आ रहा है?
बिहार में हर पाँच लड़कियों में से दो से अधिक की शादी कम उम्र में हो जाती है। यहाँ राज्य में होने वाले बाल विवाहों के पीछे के कारणों के बारे में बताया गया है साथ ही इस प्रथा में कमी लाने वाले कुछ तरीकों के बारे में भी बात की गई है। -
हर एक सर्वे से बाधाओं को तोड़ना
कर्नाटक में काम करने वाली एक एन्यूमरेटर (गणनाकार) के जीवन का एक दिन जो कामकाजी महिला होने की चुनौतियों और डाटा संग्रह में अच्छे संचार के महत्व के बारे में बताती हैं। -
विधवाओं को परिवार के जमीन में हक़ नहीं मिलता
गुजरात में किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि कोविड-19 के दौरान विधवा हुई महिलाएं अपनी भूमि अधिकारों तक पहुँचने के लिए संघर्ष कर रही हैं। -
“कश्मीर में एक पत्रकार होना आसान नहीं है”
कश्मीर की एक महिला पत्रकार ने कार्यस्थल की मुश्किलों के साथ-साथ अनुच्छेद 370 के हटने और कोविड-19 के कारण घाटी में पत्रकारिता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में हमसे बात की। -
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