विकास सेक्टर
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नया साल, नया संकल्प! लेकिन दफ्तर वही पुराना?
सभी की तरह सामाजिक क्षेत्र के कर्मचारी भी नए साल में बड़े संकल्प लेते हैं। यहां कुछ ऐसे ही मजेदार संकल्पों का ज़िक्र है जिन्हे वे कभी नहीं निभा पाएंगे! -
साल 2024 में हमने जो किताबें पढ़ीं, वे आपको भी क्यों पढ़नी चाहिए?
विकास सेक्टर के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ी कुछ किताबें जिन्हें पढ़ना और जिनसे सीखना आपके काम को थोड़ा और बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है। -
चर्चा शहरी, चुनौती जमीनी
एकाध अपवाद छोड़ दें तो विकास सेक्टर की ज्यादातर कॉन्फ्रेंस और सम्मेलन जमीनी स्तर से दूर ही नजर आते हैं। -
फील्ड कार्यकर्ताओं के लिए रिपोर्टिंग से जुड़ी समस्याओं के कुछ सटीक समाधान
रिपोर्टिंग से जुड़ी समस्याओं के लिए जरूरी है कि फील्ड कार्यकर्ता मैनेजर के साथ चर्चा करके समाधान तैयार करें और संस्थाएं इसके लिए गुंजाइश रखें। -
भारी प्रदूषण से बचने के कुछ हल्के-फुल्के उपाय!
प्रदूषण से जुड़े ये उपाय बचने के काम आएं या ना आएं, हंसने के काम जरूर आएंगे। -
हैरान हूं कि बच्चों के साथ भावनात्मक जुड़ाव ने मुझे कितना बदल दिया है
बच्चों को सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा देना उनके साथ शिक्षकों को भी बदल देता है, यही बताता एक शिक्षक का अनुभव। -
विकास सेक्टर की पहेलियां
सिद्दांतों और तनख़्वाह का संतुलन! -
देश में शीत लहरों की संख्या क्यों बढ़ रही है?
शोध बताते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में साल 1982 से 2020 के बीच शीत लहरों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है और इससे सबसे अधिक प्रभावित उत्तर भारतीय राज्य होते हैं। -
विकास सेक्टर में काम करने वालों के लिए प्रस्तावित मौलिक अधिकार
संविधान हमें संवैधानिक अधिकार देता है लेकिन यहां पर विकास सेक्टर के लिए जरुरी कुछ ‘सुविधानिक अधिकारों’ की बात की गई है।