लोकतंत्र
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नियति से साक्षात्कार: समावेशी प्रगति की राह
पूर्ण स्वराज को साकार करने के लिए हमें सोचना होगा कि विकास का असली मकसद क्या है और हम समाज में न्याय और समानता के मूल्य कैसे स्थापित कर सकते हैं। -
स्वतंत्रता दिवस सेलः नो ऑफर ऑन रोटी!
स्वतंत्रता के आठ दशक बाद भी करोड़ों लोग भोजन जैसे मौलिक अधिकार से वंचित हैं। क्या आजादी का मतलब यही है? -
आईडीआर एक्सप्लेन्स: भारत में स्थानीय सरकार
संविधान में विकेन्द्रीकरण की व्यवस्था तो कर दी गई है लेकिन ज़रूरी है कि राज्य भी स्थानीय सरकार की क्षमता को बढ़ाने पर काम करें।