पर्यावरण
पर्यावरण, सतत विकास और सामाजिक-आर्थिक विकास के आपसी संबंधों की पड़ताल और भारत पर उनके प्रभाव।
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बदलाव के सुर: नवीकरणीय ऊर्जा के साथ एक म्यूज़िक बैंड का अनूठा प्रयोग
2024 में भारतीय बैंड स्वरात्मा ने डीजल के जेनसेट का उपयोग न करते हुए अपने टूर को सौर ऊर्जा से संचालित किया। यह प्रयोग आने वाले समय में लाइव कार्यक्रमों की नई परिभाषा लिख सकता है। -
सरकारी आंकड़े जंगलों के क्षेत्रफल के साथ गुणवत्ता की भी बात क्यों नहीं करते?
जंगल से जुड़े सरकारी आंकड़ों का विश्लेषण करती पर्यावरण जानकार, देबादित्यो सिन्हा और हृदयेश जोशी की एक बातचीत। -
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सिक्किम का लेप्चा समुदाय अपनी नदियों को लेकर चिंता में क्यों है?
सिक्किम के लेप्चा आदिवासी अपने इलाके की नदियों और उससे जुड़ी अपनी परंपराओं को बचाने के लिए सामाजिक आंदोलन से लेकर कानूनी लड़ाई तक लड़ रहे हैं। -
कक्षाओं से निकलकर पर्यावरण शिक्षा हासिल करते तमिलनाडु के बच्चे
ग्रामीण और शहरी बच्चे पर्यावरण को अलग-अलग नज़रिए से देखते और समझते हैं और उनकी जानकारी के स्तर में भी जमीन-आसमान का फर्क दिखता है। -
मध्य प्रदेश के आदिवासी, जंगलों की आग रोकने के लिए परंपराएं तक छोड़ रहे हैं
मध्य प्रदेश, जंगल की आग से प्रभावित राज्यों में तीसरे स्थान पर आता है लेकिन अब आदिवासियों और वन विभाग के साझा प्रयास स्थिति को बदल रहे हैं। -
भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों से भरे कल में मैकेनिक कहां दिखते हैं?
भारत की पर्यावरण प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन जैसी समस्याओं का हल ई-वाहनों में खोजा जा रहा है लेकिन क्या परंपरागत वाहनों को सुधारने वाले अनगिनत मैकेनिक भी इसमें शामिल हैं? -
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देश में शीत लहरों की संख्या क्यों बढ़ रही है?
शोध बताते हैं, जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में साल 1982 से 2020 के बीच शीत लहरों की संख्या पांच गुना बढ़ गई है और इससे सबसे अधिक प्रभावित उत्तर भारतीय राज्य होते हैं।