मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन
जॉन डी एंड कैथरीन टी मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन, साल 1990 से भारत में सक्रिय है और 1994 से नई दिल्ली में इसका कार्यालय है। 2015 से फ़ाउंडेशन अपने क्लाइमेट सॉल्यूशन प्रोग्राम के तहत भारत के बढ़ते राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक नेतृत्व का सहयोग कर रहा है। पिछले दिनों फ़ाउंडेशन ने कोविड-19 महामारी से देश के उबरने में भी अपना योगदान दिया है।
लेख
-
कृषि छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार छेरछेरा क्यों खत्म होता जा रहा है?
मैकऑर्थर फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
आजीविका कोयला खदानों से होने वाले प्रदूषण और पशुपालन में क्या संबंध है?
एमएएफ द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
पर्यावरण कैसे अहमदाबाद की बिजली वाली बेन ने लोगों का बिजली खर्च कम कर दिया है
मैकआर्थर द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
पर्यावरण अंधाधुंध रेत खनन से बढ़ता जल और जीवन का संकट
मैकऑर्थर फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
पर्यावरण छोटाउदेपुर: जहां खनन के चलते खेती से लेकर पढ़ाई तक बंद है
मैकऑर्थर फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
सरकार और समर्थन मध्य प्रदेश में पीएम कुसुम योजना किसानों तक देर से क्यों पहुंच रही है?
मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
पर्यावरण सफ़ाई कर्मचारियों के बिना दिल्ली दिल्ली नहीं रह सकेगी
मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
कृषि ओडिशा के किसान चावल छोड़ रागी-बाजरा क्यों उगाने लगे हैं?
मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
सामाजिक न्याय आंकड़े मुस्लिम महिला श्रमिकों के बारे में क्या नहीं बताते हैं?
महामारी ने जहां एक तरफ़ मध्य और उच्च वर्ग की मुस्लिम महिलाओं के लिए नौकरी पाना आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर निम्न-आय वाले परिवारों और प्रवासियों को इसके लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।मैकऑर्थर फ़ाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड