टाटा स्टील फाउंडेशन
टाटा स्टील फाउंडेशन झारखंड और ओडिशा के 4,500 गांवों में काम करता है। यह फाउंडेशन आदिवासी और सीमांत समुदायों के साथ सह-समाधान बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इसका उद्देश्य ऐसे परिवर्तन मॉडल विकसित और लागू करना है जो राष्ट्रीय स्तर पर अनुकरणीय हैं, समुदायों की भलाई में महत्वपूर्ण और स्थायी सुधार को सक्षम बनाते हैं, और प्रमुख व्यावसायिक निर्णयों में एक सामाजिक परिप्रेक्ष्य को शामिल करते हैं।
लेख
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स्वास्थ्य सरहद के आर-पार, जड़ी-बूटियों का कारोबार
टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
विविधता मुख्यधारा के मीडिया से भारत के आदिवासी समुदाय गायब हैं
शिखा मंडी संथाली भाषा में काम करने वाली भारत की पहली रेडियो जॉकी हैं और यहां वे जनजातीय समुदायों के मीडिया प्रतिनिधित्व और उसके असर पर बात कर रही हैं।टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
शिक्षा कश्मीरी जनजातियों के सामने रोज़गार या शिक्षा में से एक को चुनने की दुविधा क्यों है?
मौसमी प्रवासन, कम आय और जाति-आधारित भेदभावों के चलते गुज्जर बकरवाल और चोपन जैसी कश्मीरी जनजातियों तक शिक्षा नहीं पहुंच पा रही है।टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
विविधता चार जनजातियां, चार व्यंजन और परंपरागत खानपान पर ज्ञान की चार बातें
चार जनजातियों के रसोइये अपने व्यंजनों के साथ अपनी खाद्य संस्कृति पर आए खतरों पर चर्चा कर रहे हैं क्योंकि जंगलों के खत्म होने के साथ उनके समुदाय आजीविका के लिए संघर्ष करते हुए शहरों का रुख करने लगे हैं।टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
लिंग फ़ोटो निबंध: भारत की आदिवासी महिला नेता क्या अलग कर रही हैं?
महिलाओं को सशक्त बनाने और युवा लड़कियों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने से लेकर अपने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने तक का काम कर रही आदिवासी नेताओं के जीवन की झलक।टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
अधिकार गढ़चिरौली की एक युवा-आदिवासी सरपंच जो न नक्सलियों से डरती है, न पुलिस से
एक युवा-आदिवासी महिला सरपंच के जीवन का एक दिन जो अपने समुदाय को कागजी कार्रवाई करने से लेकर आपात परिस्थितियों में मदद पहुंचाने तक का काम करती है।टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड