हल्का-फुल्का
विकास सेक्टर में काम करते हुए आने वाले हल्के-फुल्के पलों के किस्से, तस्वीरें और गीत।
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क्या है एक रीसर्चर का काम
सीमित फंडिग का क्या हैं परिणाम, समस्याओं की पहचान या समस्याओं का आविष्कार? -
दर्द-ए-डेडलाइन
शाहरुख़ खान के दिलचस्प जिफ्स, उन तमाम डेडलाइन्स के लिए जिन्हें आप चूक चुके हैं। -
समझदार वोटर को पता है कि नेताओं से कब काम करवाना है
राजनीतिक पार्टियों के बदलते रंग-ढंग देखकर अब वोटर ज़्यादा समझदार होते जा रहे हैं। -
घर से काम करने में कई सुविधाएं हैं, लेकिन उसकी अपनी दुविधाएं हैं
वर्क फ़्रॉम होम में अक्सर दिखने वाले वे दृश्य जिनका हिस्सा आप नहीं बनना चाहेंगे। -
पब्लिक सेक्टर बनाम प्राइवेट सेक्टर: किसकी कितनी हैप्पी दिवाली?
आप किसी भी सेक्टर में हों, इनमें से कोई न कोई मीम आप पर ज़रूर फ़िट बैठता होगा। -
जब पीनी पड़े चाय पे चाय, फिर भी काम ना हो पाय!
सरकारी दफ़्तर और ग़ैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोग, और वे नज़ारे जो चाहे-अनचाहे अक्सर ही दिख जाते हैं। -
जलवायु समस्या का हल मिल गया है!
राजस्थान में बारिश और बादल का तो नहीं, लेकिन बॉटल का पानी हर समय मिल सकता है। -
जब हेडऑफिस से कोई विज़िट पर आता है…
हेडऑफिस वालों की फील्ड विज़िट के दौरान ज़मीनी कार्यकर्ता क्या करते हैं, जानिए उन्हीं की ज़ुबानी। -
‘पानी बरसे आधा पूस, आधा गेंहू आधा भूस’
पर्यावरण पर भारतीय किसानों के परंपरागत ज्ञान की झलक दिखाती कुछ राजस्थानी कहावतें।