स्मरिनीता शेट्टी
स्मरिनीता शेट्टी आईडीआर की सह-संस्थापक और सीईओ हैं। इसके पहले, स्मरिनीता ने दसरा, मॉनिटर इंक्लूसिव मार्केट्स (अब एफ़एसजी), जेपी मॉर्गन और इकनॉमिक टाइम्स के साथ काम किया है। उन्होनें नेटस्क्राइब्स – भारत की पहली नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग संस्था – की स्थापना भी की है। स्मरिनीता ने मुंबई विश्वविद्यालय से कम्प्युटर इंजीनियरिंग में बीई और वित्त में एमबीए की पढ़ाई की है।
स्मरिनीता शेट्टी के लेख
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फंडरेजिंग और संवाद एफसीआरए लाइसेंस रद्द होने का सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा?
समाजसेवी संस्थाओं के एफसीआरए लाइसेंस रद्द होने का असर बढ़ी हुई बेरोज़गारी, हताश समुदाय और कमजोर लोकतंत्र के रूप में दिख सकता है। -
लिंग महिलाएं जलवायु परिवर्तन के काम को रफ्तार दे सकती हैं
महिलाओं के लिए एक ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत है जहां वे जलवायु समस्याओं के हल खोजने में प्रमुख भूमिका निभा सकें क्योंकि ये उन्हें सबसे अधिक प्रभावित करती हैं।दसरा द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
पर्यावरण इंसान और वन्यजीवों के बीच जंगल का बंटवारा कैसे हो?
जलवायु परिवर्तन जंगली जानवरों और उनके आवास के लिए एक बड़ा ख़तरा है और यह इंसानों से उनके संघर्ष की संभावना भी बढ़ाता है।दसरा द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
जल और स्वच्छता आईडीआर इंटरव्यूज । राजेंद्र सिंह
‘वाटरमैन ऑफ़ इंडिया’ कहे जाने वाले राजेंद्र सिंह ने आईडीआर से हुई इस खास बातचीत में जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और ग्राम विकास पर विस्तार से बात की है। यहां उनसे जानिए कि कैसे सिर्फ पानी बचाकर गांव आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। -
कृषि छोटे और पिछड़े किसानों के लिए खेती को सहज बनाना
स्वयं शिक्षण प्रयोग और प्रदान जैसे संगठन यह दिखा रहे हैं कि लगातार आसान और नए उपाय अपनाकर छोटी जोत वाली खेती को व्यावहारिक बनाया जा सकता है।एचयूएफ़ द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
अधिकार आईडीआर इंटरव्यूज । बेज़वाड़ा विल्सन
सफ़ाई कर्मचारियों द्वारा मैनुअल स्कैवेंजिंग की प्रथा के विरुद्ध ताउम्र संघर्ष करनेवाले बेज़वाड़ा विल्सन दलितों के नेतृत्व में ज़मीनी स्तर पर तैयार किए जाने वाले आंदोलन की बात करते हैं। वह चाहते हैं कि यह आंदोलन इस अमानवीय प्रथा का अंत करने में मददगार साबित हो और इस प्रथा के शिकार लोगों को इससे मुक्ति मिल सके। -
लिंग महिलाओं के नेतृत्व को पहचानने के अवसर में तब्दील एक संकट
स्वयं शिक्षण प्रयोग की संस्थापक प्रेमा गोपालन से हुई बातचीत जिसमें वे महिलाओं के लिए आजीविका के स्थायी साधन के रूप में खेती की भूमिका पर बात कर रही हैं।अशोक द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड -
अधिकार आईडीआर इंटरव्यूज | अरुणा रॉय
जानीमानी सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई और मनरेगा जैसे विभिन्न अधिनियमों के लिए किए गए आंदोलनों के पीछे एक प्रेरणा शक्ति के रूप में काम करने वाली अरुणा रॉय हमें बता रही हैं कि वास्तव में सहभागी आंदोलनों को टिकाऊ बनाए रखने के लिए क्या करना पड़ता है। और असहमति के अपने लोकतान्त्रिक अधिकार के लिए हमें क्यों लड़ना चाहिए। -
कोविड-19 बत्तख दो, अंडे लो
अशोक द्वारा समर्थितहिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड