रचिता वोरा
रचिता वोरा आईडीआर की सह-संस्थापक और निदेशक हैं। इससे पहले, उन्होंने 250 करोड़ रुपये के बहु-हितधारक मंच, दसरा गर्ल एलायंस का नेतृत्व किया, जिसने भारत में मातृ, किशोर और बाल स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करने की मांग की। उनके पास वित्तीय समावेशन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सीएसआर के क्षेत्रों में टीमों का नेतृत्व करने और रणनीति, व्यवसाय विकास और संचार में कार्य करने का एक दशक से अधिक का अनुभव है। रचिता ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के जज बिजनेस स्कूल से एमबीए और येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में बीए किया है।
रचिता वोरा के लेख
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नेतृत्व और हुनर समाजसेवी संस्थाएं अपनी विफलताओं पर बात क्यों नहीं करती हैं?
कुछ वास्तविक तो कुछ काल्पनिक जोखिम, समाजसेवी संस्थाओं को उनकी असफलता पर बात करने से रोकते हैं लेकिन अगर संस्थाएं और फंडर्स चाहें तो इस पर सहज संवाद हो सकता है। -
नेतृत्व और हुनर समाजसेवी संस्थाओं में नेतृत्व परिवर्तन के दौरान क्या ग़लतियां हो सकती हैं?
आईडीआर से बातचीत में सफीना हुसैन और महर्षि वैष्णव ‘एजुकेट गर्ल्स’ में नेतृत्व परिवर्तन (लीडरशिप ट्रांज़िशन) से जुड़े अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और कुछ कारगर सुझाव भी दे रहे हैं। -
ईकोसिस्टम डेवलपमेंट सामाजिक बदलाव के लिए ज़मीनी अनुभवों से सीखना
सुजाता खांडेकर कोरो की संस्थापक निदेशक हैं। आईडीआर से उनकी इस बातचीत में जानिए कि सामाजिक परिवर्तन की कोशिशों में जमीनी स्तर के ज्ञान और अनुभव को कैसे शामिल किया जा सकता है। -
लिंग आईडीआर इंटरव्यूज । सुषमा अयंगर
कच्छ में अपने अभूतपूर्व काम के लिए जानी जाने वाली सुषमा अयंगर आईडीआर से बातचीत में बता रही हैं कि उनका सारा ध्यान महिला अधिकार और ग्रामीण विकास पर क्यों हैं। साथ ही उन्हें क्यों लगता है कि आज महिला सशक्तिकरण का दायरा आर्थिक परिवर्तन तक सीमित है।