प्राजक्ता मोनी
प्राजक्ता मोनी एक डेटा एनालिस्ट हैं और उन्हें इस क्षेत्र में 17 वर्षों का अनुभव है। इसके अलावा उनकी रुचि डेटा इंटरसेक्शन और सामाजिक उन्नति के लिए इसके प्रयोग में भी है। उद्यम लर्निंग फाउंडेशन में प्राजक्ता ने साइकोमेट्रिक्स के संबंध में समझ को काफी हद तक बढ़ाया है। वे भारत की पहली क्यूसीआई-मान्यता प्राप्त सीएसआर प्रभाव पद्धति की सह-निर्माता भी हैं। उन्हें सांख्यिकी पढ़ाने, ईएसजी कॉर्पोरेट प्रशिक्षण आयोजित करने, माइक्रोफाइनेंस में डेटा-संचालित पहल का नेतृत्व करने और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए ऑफशोर टीमों का प्रबंधन करने का अनुभव भी है। 2017 में प्राजक्ता को शेवेनिंग फ़ेलोशिप भी मिली थी।
प्राजक्ता मोनी के लेख
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मॉनीटरिंग और इवैल्यूएशन समाजसेवी संस्थाएं सायकोमेट्रिक टूल का प्रभावी उपयोग कैसे कर सकती हैं
संस्थाएं प्रभाव को मापने और समस्याओं की पहचान करने के लिए साइकोमेट्रिक साधनों का उपयोग करती हैं। यहां इन टूल्स के उपयोग के समय होने वाली पांच ग़लतियों से बचने के उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर परिणाम को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।