इंद्रेश शर्मा
इंद्रेश शर्मा आईडीआर में मल्टीमीडिया संपादक हैं और वीडियो सामग्री के प्रबंधन, लेखन निर्माण व प्रकाशन से जुड़े काम देखते हैं। इससे पहले इंद्रेश, प्रथम और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। इनके पास डेवलपमेंट सेक्टर में काम करने का लगभग 12 सालों से अधिक का अनुभव है जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, पोषण और ग्रामीण विकास क्षेत्र मुख्य रूप से शामिल रहे हैं।
इंद्रेश शर्मा के लेख
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फंडरेजिंग और संवाद जन-संगठन आर्थिक आत्मनिर्भरता कैसे हासिल कर सकते हैं?
जमीनी संगठनों के लिए समुदाय से रिश्ता बनाए रखना सबसे अधिक जरूरी है क्योंकि समुदाय, यदि संगठन की अहमियत समझेगा तो वह उसकी आर्थिक जरूरतों का भी खयाल रखेगा। -
हल्का-फुल्का समझदार वोटर को पता है कि नेताओं से कब काम करवाना है
राजनीतिक पार्टियों के बदलते रंग-ढंग देखकर अब वोटर ज़्यादा समझदार होते जा रहे हैं। -
हल्का-फुल्का जब पीनी पड़े चाय पे चाय, फिर भी काम ना हो पाय!
सरकारी दफ़्तर और ग़ैर-सरकारी संगठनों से जुड़े लोग, और वे नज़ारे जो चाहे-अनचाहे अक्सर ही दिख जाते हैं। -
पर्यावरण क्या शिमला शहर का अस्तित्व अब संकट में है?
शिमला उदाहरण है कि कैसे कोई शहर अनियोजित निर्माण, जलवायु परिवर्तन तथा असंगत विकास नीतियों के चलते अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने पर मजबूर हो सकता है।