दीपा पवार
दीपा पवार एक एनटी-डीएनटी एक्टिविस्ट, शोधकर्ता, लेखिका, ट्रेनर और काउंसलर हैं। वे घिसाड़ी घुमंतू समुदाय से आती हैं और प्रवास, अपराधीकरण और सामाजिक असुरक्षा जैसे अनुभव उनके जीवन का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने ‘अनुभूति’ की स्थापना की है जो जाति-विरोधी और नारीवाद पर बात करने वाला संगठन है। अपने लंबे करियर में दीपा ने एनटी-डीएनटी, आदिवासी, ग्रामीण और बहुजन समुदाय के लोगों के साथ काम किया है। उनका काम मुख्य रूप से लिंग, मेंटल और सेक्शुअल हेल्थ, सफ़ाई और संवैधानिक समझ पर केंद्रित है। पिछड़े समुदायों के साथ मिलकर वे अभियान खड़ा करने और उन्हें अपने इतिहास और विरासत पर दोबारा दावा करने में भी मदद करती है।
दीपा पवार के लेख
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सामाजिक न्याय ज्ञान की राजनीति: संविधान और एनटी-डीएनटी समुदाय
एकपक्षीय प्रसार के कारण संवैधानिक ज्ञान अभी भी एनटी-डीएनटी समुदायों की पहुंच से बाहर है। -
सामाजिक न्याय घुमंतू और विमुक्त जनजातियों के मानसिक न्याय के लिए मानसिक स्वास्थ्य ज़रूरी है
घुमंतू और विमुक्त जनजातियां भेदभाव, अन्याय और विकास योजनाओं के अभाव का सामना करती हैं। इन समुदायों के मानसिक स्वास्थ्य को इनके संघर्ष से अलग करके नहीं देखा जा सकता है।