आलोक व्यास
डॉ आलोक व्यास, सामाजिक विकास कार्यक्षेत्र में पिछले 18 वर्षों से काम कर रहे हैं। आलोक समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद करते हुए सामाजिक विकास की चिंताओं और विभिन्न समुदायों के परंपरागत ज्ञान को समझने में रुचि रखते हैं। वर्तमान में स्वयंसेवी संस्था सिकोईडिकोन में उपनिदेशक पद पर कार्य करते हुए संस्थागत विकास कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। जलवायु परिवर्तन, सतत विकास जैसे वैश्विक विकास के विषयों पर ज़मीनी स्तर के जन संगठनों का क्षमतावर्धन का कार्य कर रहे हैं।
आलोक व्यास के लेख
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नेतृत्व और हुनर क्यों सामाजिक संस्थाओं को लोकल और ग्लोबल स्तर पर साथ काम करना चाहिए
आने वाले समय में सामाजिक संस्थाओं की प्रासंगिकता इस बात से भी तय होगी कि छोटे स्तर पर किए जा रहे उनके प्रयास वैश्विक तस्वीर का हिस्सा किस तरह से बन रहे हैं। -
हल्का-फुल्का ‘पानी बरसे आधा पूस, आधा गेंहू आधा भूस’
पर्यावरण पर भारतीय किसानों के परंपरागत ज्ञान की झलक दिखाती कुछ राजस्थानी कहावतें।