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टेक्नोलॉजी

जमीनी संस्थाएं सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करें?

जमीनी संस्थाएं सोशल मीडिया के इस्तेमाल से अपने काम की पहुंच व्यापक बना सकती हैं।
एक कमरे में गोल घेरे में जमीन पर बैठकर मीटिंग करते ग्रामीण और शहरी लोग_सोशल मीडिया
७ अगस्त २०२५ को प्रकाशित

आज के तेजी से बदलते डिजिटल युग में, सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन या संवाद का साधन भर नहीं रह गया है। यह बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम भी बन चुका है। यह जमीनी स्तर पर और सीमित क्षमताओं में काम करने वाली संस्थाओं के लिए खासतौर पर उपयोगी है। यह एक ऐसा माध्यम है जिससे सुदूर और दुर्गम जगहों पर सक्रिय संस्थाएं भी अपने काम को दुनिया तक पहुंचा सकती हैं। जानकारों के मुताबिक इसके लिए संस्थाओं को सबसे पहले एक सोशल मीडिया रणनीति की जरूरत होती है और यह समझने की भी उनकी ऑडियंस कौन है।

इस वीडियो में यह जानने की कोशिश की गई है कि जमीनी संस्थाओं के लिए सोशल मीडिया क्यों जरूरी है। साथ ही, संस्थाएं, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और यूट्यूब जैसे मंचों पर किस तरह की रणनीति अपना सकते हैं और उनके क्या फायदे होते हैं। इसके अलावा, इस बात का भी जिक्र है कि सीमित संसाधनों में अधिकतम प्रभाव कैसे बनाया जा सकता है और तकनीकी बाधाओं से निपटने के लिए किन टूल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। 

अगर आप अपनी संस्था के संचार को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं, तो यह वीडियो आपके लिए उपयोगी हो सकता है। इसमें साझा की गई जानकारी आपको यह समझने में मदद करेगी कि आपकी संस्था सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे प्रभावी ढंग से कर सकती है।
 
वीडियो को तैयार करने में क्वेस्ट अलायंस की अर्शिषा दास ने विशेष योगदान दिया है जो डिजिटल कम्युनिकेशन और मार्केटिंग में लंबा अनुभव रखती हैं।

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