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पर्यावरण

क्या जस्ट ट्रांजिशन और आजीविका में कोई संबंध है?

कार्बन कॉपी के इस पॉडकास्ट में जानें कि भारत के कोयला सम्पन्न इलाकों में जस्ट ट्रांजिशन लोगों की आजीविका और जीवन को कैसे बदल सकता है।
कोयला खनन करती जेसीबी मशीनें-जस्ट ट्रांजिशन
१६ जुलाई २०२५ को प्रकाशित

कार्बन कॉपी का यह पॉडकास्ट ऊर्जा बदलाव (जस्ट ट्रांजिशन) पर केंद्रित है जिसमें वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, दिल्ली की अम्बेडकर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर अस्मिता काबरा और ओडिशा की सामाजिक कार्यकर्ता स्वप्ना सारंगी से बात कर रहे हैं। इस बातचीत में यह जानने की कोशिश है कि खनन और जीवाश्म ईंधन पर आधारित ऊर्जा क्षेत्र में जस्ट ट्रांजिशन का, वहां पर रहने वाले लोगों की आजीविका और नौकरियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। क्या ऐसे क्षेत्रों में रहने वालों को दूसरे गांवों और शहरों की ओर पलायन करना पड़ेगा। दोनों विशेषज्ञों ने इस मुद्दे पर भी चर्चा की कि कैसे सरकारों को प्रभावित होने वाले लोगों के लिए रोजगार के नये साधन खोजने होंगे या फिर कैसे उन्हें नए कौशल सिखाये जा सकते हैं।

यह लेख मूलरूप से कार्बन कॉपी पर प्रकाशित हुआ था।

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