एक बार फील्ड में: जब शुद्ध हिंदी बोलने के चक्कर में गड़बड़ हो गई
जमीनी कार्यकर्ताओं को समुदाय के साथ हिंदी में ही बात करने की समझाइश दी जाती है, इसी कोशिश के चलते हुई गड़बड़ी का एक दिलचस्प किस्सा।
१३ सितंबर २०२४ को प्रकाशित
1. कुछ जमीनी कार्यकर्ता समुदाय से बात करते हुए उन्हें अलग-अलग तरह के करों जैसे आयकर, जीएसटी वगैरह के बारे में समझा रहे थे।

2. लेकिन समुदाय कुछ और समझ रहा था इसलिए उन्होंने पूछा कि:

3. और, कार्यकर्ताओं को जमीन पर संवाद करने के सबसे जरूरी सबकों में से एक सीखने को मिला।

हल्का-फुल्का का यह अंक हमारे साथियों, रजिका सेठ और इंद्रेश शर्मा के अनुभव पर आधारित है।