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हल्का-फुल्का

अब संस्थाओं का असर सिर्फ महसूस किया जाएगा, देखा नहीं जा सकेगा!

क्या हो अगर संस्थाएं अपना काम तो करें, पर बता न सकें? हो सकता है कि रिपोर्टिंग, मॉनिटरिंग और फंडिंग, सब कुछ भावना​​​ओं से ही समझना पड़े​​। ​
तस्वीर में एक व्यक्ति स्कूटर पर आदेश लेकर आया है_डेटा नियंत्रण
२५ जुलाई २०२५ को प्रकाशित

1. संस्था का ​​​अंदरूनी​​ आ​​कलन  

एक सीईओ पूछता है, "तो इस साल हमारे काम का क्या नतीजा रहा?" डायरेक्टर जवाब देता है, "काफी कुछ! पर अभी हम खुद भी नहीं बता सकते कि क्या किया"_डेटा नियंत्रण

​​2. संस्था के कर्म​​​चारियों​​ पर असर​ 

एक विभाग "मस्ती और एंटरटेनमेंट" के नाम पर रिपोर्ट और डेटा कलेक्शन को जलाकर मज़ा ले रहा है, और कोई व्यक्ति पिछले साल की फाइलें और जोड़कर दे रहा है_डेटा नियंत्रण

3. ​​सीईओ और फंडर की बातचीत​ 

सीईओ बिना डेटा के काम दिखा रहा है, और फंडर परेशान होकर ज्योतिषी से कुंडली पूछने की बात कर रहा है।_डेटा नियंत्रण

4. ​समुदाय जागरूकता कार्यक्रम​​ 

समुदाय के लोग नाराज़ हैं, और वक्ता मंच से कह रहा है, "आपको बहुत कुछ मिल चुका है, बस याद नहीं है"_डेटा नियंत्रण

5. ​सोशल मीडिया टीम

संस्था की सोशल मीडिया पोस्ट ज़मीन पर बदलाव का दावा कर रही है, और यूज़र कमेंट कर रहा है – "क्या सबूत है?" जवाब में लिखा है – "बस, महसूस करिए।"_डेटा नियंत्रण

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