कभी-कभी हेड ऑफिस से आने वाले फील्ड टीम की ‘मदद’ कैसे करते हैं?
कुछ स्थितियां जब हेड ऑफिस से आने वालों को ज़मीनी कार्यकर्ताओं की मदद की ज़रूरत होती है।
१ मार्च २०२४ को प्रकाशित
1. पहले तो… वेरी मच एक्साइटेड!
“मैं कल फील्ड पर ज़मीनी कार्यकर्ताओं की मदद के लिए जा रही हूं।”

2. होटल पहुंचकर… डर के आगे फोन कॉल है
“मेरे कमरे में छिपकली है! कोई और जगह ढूंढो, मुझे यहां नहीं रहना।”

3. गांव में, विज़िट पर चलते-थकते
“चलने के लिए बहुत ज्यादा है, सर्वे के लिए इतना दूर का गांव क्यों ले लिया!”

4. फील्ड पर हर समस्या का हल, एक फोन कॉल
“ओ माई गॉड, अब क्या करूं? गांव में इतने सारे कुत्ते क्यों हैं!”

5. हो गया सर्वे, हो गई मदद… बस एक और फोन
“यहां सब ठीक ही चल रहा है, मुझे अब वापस निकल जाना चाहिए, मेरे लिए गाड़ी का इंतजाम करो!”
