असम में किसान खेती के रासायनिक और जैविक दोनों तरीक़े अपना रहे हैं

हाल के वर्षों में, असम में किसानों के बीच खेती के रासायनिक तरीक़ों और संकर (हाइब्रिड) बीजों को लेकर निर्भरता बढ़ी है। ज़मीन पर राज्य एवं केंद्र, दोनों ही सरकारें प्राकृतिक और रासायनिक दोनों ही तरीक़ों को बढ़ावा दे रही हैं। नतीजतन, समुदाय के लोगों के बीच एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। उदाहरण के लिए, किसानों में बीज-वितरण के समय कृषि विभाग वर्मीकम्पोस्ट किट भी देता है। हालांकि उसी समय विभाग के लोग नाइट्रोजन-फ़ॉस्फ़ोरस-पोटैशियम (एनपीके) खाद, जिंक और यूरिया के किट भी बांटते हैं।
इसके अलावा, जरूरी नहीं है कि यह धारणा सच ही हो फिर भी सरकार समुदायों को बता रही है कि खेती के प्राकृतिक तरीक़ों से उपज में कमी आ सकती है। उपज मिट्टी के स्वास्थ्य, सिंचाई, बीज की क्षमता और खरपतवार और कीटों की उपस्थिति सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। मामला कुछ भी हो लेकिन किसानों ने इस कथन को स्वीकार कर लिया है और चूंकि उन्हें तुरंत परिणाम चाहिए इसलिए अब वे यूरिया जैसी रासायनिक खादों का अधिक इस्तेमाल करते हैं।
चिरांग जिले में सेस्टा जिन किसानों के साथ काम करता है, उनका कहना है कि वे कृषि पर रसायनों के नकारात्मक प्रभाव को समझते हैं। वे सभी इस बात को जानते हैं कि इन तरीक़ों से उपजाया गया खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। यही कारण है कि इनमें से कई लोगों ने अपने खेतों को दो भागों में बांट लिया है। ज़मीन के एक टुकड़े पर वे प्राकृतिक तरीक़े से खेती करते हैं और उससे होने वाली उपज को अपने इस्तेमाल में लाते हैं। दूसरे हिस्से में रासायनिक विधियों से खेती की जाती है और उससे उपजने वाले अनाज को बाज़ार में बेच दिया जाता है।
कौस्तव बोरदोलोई सेस्टा में डिजिटल और संचार विशेषज्ञ के रूप में काम करते हैं, पोलाश पटांगिया सेस्टा के साथ साझेदारी में काम करते हैं और उसके संचार कार्यकारी हैं।
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लेखक के बारे में
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पोलाश पतंगिया सेवन सिस्टर्स डेवलपमेंट असिस्टेंस (सेस्टा) में साझेदारी और संचार कार्यकारी के रूप में काम करते हैं। उन्होंने जनसंचार और पत्रकारिता में एमए किया है। उन्हें समुदाय के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। अपने खाली समय में वह अपनी बाइक से लंबी यात्राओं पर जाना पसंद करते हैं।
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कौस्तव बोरदोलोई पूर्वोत्तर भारत में स्थित एक समाजसेवी संस्था सेवन सिस्टर्स डेवलपमेंट असिस्टेंस (सेस्टा) में साझेदारी और संचार कार्यकारी हैं। उनकी विशेषज्ञता मुख्य रूप से डिजिटल मार्केटिंग, कंटेंट राइटिंग और डॉक्यूमेंटेशन के क्षेत्र में है।