कैसे सोशल मीडिया से एक बाटिक कारीगर ने सीखे नए तरीके

मैं गुजरात के कच्छ ज़िले का एक बाटिक कारीगर हूं। बाटिक मोम प्रतिरोधी रंगाई और ब्लॉक प्रिंटिंग की एक तकनीक है। मेरा परिवार पिछले छः पीढ़ियों से इस काम को कर रहा है। शुरुआत में मैंने पारिवारिक व्यापार में मदद करते हुए इस कला को सीखा। बहुत बाद में जाकर मैंने बाटिक उत्पादन की अपनी समझ को विस्तृत किया। इस शिल्प से जुड़ी अपनी समझ को विकसित करने के लिए मैंने स्कूल और सोशल मीडिया वाले तरीक़े अपनाए।
साल 2009 में मैं कला रक्षा विद्यालय से जुड़ा। यह एक डिज़ाइन संस्थान है जहां मुझे अन्य पारंपरिक कारीगरों के साथ-साथ प्रतिष्ठित डिजाइन स्कूलों के शिक्षकों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। मैंने डिज़ाइन, कलर ग्रेडेशन, प्रोडक्ट फ़िनिशिंग, प्रदर्शन आदि पर होने वाली कक्षाओं में भाग लिया और अपने शिल्प को लेकर नई अंतर्दृष्टि हासिल की।
स्कूल में बिताए मेरे समय से मेरे अंदर रंगों और डिज़ाइन के साथ प्रयोग करने का विश्वास बढ़ा। इसने मेरे दिमाग को भी खोल दिया और मुझे उन सभी रंगों, बनावटों और पैटर्नों को सराहने और उनसे प्रेरणा लेने का मौका दिया, जिनसे मैं अपने दैनिक जीवन में घिरा हुआ था। इसके बाद जल्द ही मैंने बनावटों के साथ नए नए प्रयोग शुरू कर दिए। इन सारी गतिविधियों ने अंतत: मुझे 2016 में इंस्टाग्राम तक पहुंचा दिया। यहां मैंने अपने डिज़ाइन की प्रेरणाओं और नवाचारों के बारे में पोस्ट करना शुरू कर दिया। अपने विचारों को अपने तक ही सीमित रखने के बजाय मैं इसे इस उम्मीद में लोगों के साथ बांटना चाहता था कि दूसरे लोग भी इससे प्रेरित होंगे।
यदि आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल ढंग से करते हैं तो आप इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। दुनिया भर के अन्य बाटिक उत्पादकों द्वारा अपनाई जा रही तकनीकों को सीखने के लिए मैं नियमित रूप से यूट्यूब पर ट्यूटोरियल देखता हूं। उदाहरण के लिए मुझे कपड़े से मोम हटाने की एक नई प्रक्रिया का पता चला। हमारे द्वारा मोम हटाने के लिए उपयोग किया जाने वाला तरीक़ा बहुत ही मुश्किल और थकाऊ है। हम कपड़े को उबलते गर्म पानी में डुबोने के लिए लकड़ी के दो टुकड़ों का उपयोग करते और फिर कपड़े को मोड़ देते हैं जिससे सारा मोम निकल जाता है। एक बार में हम कपड़े की पांच गुना लम्बाई को गर्म पानी में 10 मीटर के एक यार्ड के साथ डुबाते हैं। पानी और मोम के अतिरिक्त वजन के अलावा कपड़े के वजन से हमारे शरीर पर बहुत दबाव पड़ता है।
इसलिए मैंने ऑनलाइन वैकल्पिक तरीकों को खोजने का फैसला किया। मुझे इंडोनेशिया में इस्तेमाल की जाने वाली एक तकनीक के बारे में पता चला। इस तकनीक में कारीगर पानी में कपड़े की सिर्फ़ एक लम्बाई डुबाते हैं और कपड़े को घुमाए बिना धीरे-धीरे मोम को हटा देते हैं। जब मैंने पहली बार अपने साथ काम करने वालों को यह वीडियो दिखाया, तो उन लोगों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। उनका कहना था कि यह प्रक्रिया अधिक समय लेने वाली है। जितने समय में वे 10 कपड़े का मोम हटाते हैं इस प्रक्रिया के इस्तेमाल से उतने ही समय में केवल तीन टुकड़े ही तैयार हो सकते हैं। हालांकि उनमें से जब कुछ ने इस नई विधि से काम करने की कोशिश की तो उन्हें यह पसंद आया क्योंकि इसमें बहुत अधिक शारीरिक मेहनत नहीं थी। धीरे-धीरे दूसरे लोगों ने भी इस तरीक़े का इस्तेमाल शुरू कर दिया। तब से मैं नियमित रूप से दुनिया भर के कारीगरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रक्रियाओं और विधियों के बारे में जानने के लिए ऑनलाइन अध्ययन में अपना समय लगाता हूं। अपने शिल्प को बेहतर बनाने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करने के कई लाभ हैं।
शकील खत्री रैंबो टेक्सटाइल्स और नील बाटिक के मैनेजिंग पार्ट्नर हैं। नील बाटिक 200 मिलियन आर्टिज़न्स के साथ काम करता है जो आईडीआर की #ज़मीनीकहानियां के लिए कंटेंट पार्ट्नर है।
इस लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ें।
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लेखक के बारे में
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शकील खत्री मुंद्रा, गुजरात के छठी पीढ़ी के बाटिक कारीगर हैं। वह 17 साल की उम्र से ही इस शिल्प का काम कर रहे हैं और रेनबो टेक्सटाइल्स और नील बाटिक के मैनेजिंग पार्ट्नर हैं।