नहीं सहेंगी, नहीं सहेंगी…सेक्टर की बिल्लियां नहीं सहेंगी
हम बिल्लियां हैं, इंसान नहीं। मूड हो तो काम करते हैं, वरना पंजा मारते हैं। नौकरी हम नहीं करते हैं…लोगों को मौका देते हैं कि वो हमसे काम करवा पाते हैं या नहीं। लेकिन क्या करें… इंसानों की बनाई इस पूंजीवादी दुनिया में अब हमें भी काम करना पड़ता है। तो वर्ल्ड कैट डे पर पढ़िए थकान और बर्नआउट झेलती, चिड़चिड़ी और ट्रीट को तरसती सोशल सेक्टर बिल्लियों की पर्सनल म्याऊं डायरी।
1. टीम मेंबर: नारंगी बिल्ले ने क्या जबरदस्त पीपीटी बनाई है, सच में मेहनत देख के दिल खुश हो गया!
(बाकी टीम: +1 की बारिश)
मैं:
2. मैनेजर: जो ठीक लगे, वैसा कर लो… आई ट्रस्ट यू। बस मेरे सुझाए हुए 14 पॉइंट से बाहर मत जाना।
मैं:
3. डोनर: आपका काम बहुत इंस्पायरिंग है… लेकिन इस साल बजट नहीं है।
मैं:
4. मैनेजर (बड़े आराम से): आज ही आज में रिपोर्ट, बजट, सोशल मीडिया पोस्ट और कैप्शन भेज देना, ओके?
मैं:
5. टीम लीड: हम सबको थोड़ा एक्स्ट्रा करना पड़ेगा इस बार… टीम के लिए।
मैं:
6. टीम रिट्रीट में: हमें सेल्फ केयर पर भी ध्यान देना चाहिए।
मैं:
7. फाउंडर: कल तक अगले क्वार्टर की स्ट्रेटेजी और स्मार्ट टारगेट तैयार चाहिए। डोनर को यह डॉक्यूमेंट तुरंत भेजना है।
मैं: