सरल कोश: फेमिनिज़म
विकास सेक्टर में तमाम प्रक्रियाओं और घटनाओं को बताने के लिए एक खास तरह की शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है। आपने ऐसे कुछ शब्दों और उनके इस्तेमाल को लेकर असमंजस का सामना भी किया होगा। इसी असमंजस को दूर करने के लिए हम एक ऑडियो सीरीज ‘सरल-कोश’ लेकर आए हैं, जिसमें हम आपके इस्तेमाल में आने वाले कुछ महत्वपूर्ण शब्दों पर बात करने वाले हैं।
सरल-कोश में इस बार का शब्द है फेमिनिज़म।
फेमिनिज़म, जिसे हिंदी में नारीवाद भी कहते हैं, पितृसत्ता और किसी भी तरह के दमन के खिलाफ एक सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक विचारधारा और आंदोलन है। लेकिन कई लोगों को यह उलझन रहती है कि क्या फेमिनिज़म सिर्फ़ महिलाओं के हक की वकालत करता है? बता दें कि फेमिनिज़म लिंग, भाषा, जाति, वर्ग, धर्म और यौनिकता आधारित सभी असमानताओं को समाप्त करने की वकालत करता है।
आज विकास सेक्टर में हो रहे काम को भी नारीवादी चश्मे से देखा जा रहा है। ऐसी संस्थाएं जो महिला, एलजीबीटीक्यू या बाल अधिकारों की बात करती हैं और वंचितों के अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं, अक्सर फेमिनिज़म शब्द का उपयोग करती हैं। उदाहरण के लिए, कई संगठन लैंगिक हिंसा के खिलाफ कड़े कानून की मांग करते हैं और महिलाओं की राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वे अपनी अधिकांश बातों में फेमिनिज़म शब्द इस्तेमाल करते हैं।
इसलिए अगर आप कभी फील्ड या किसी कार्यक्रम में फेमिनिज़म शब्द सुनें, तो उसे केवल एक खास वर्ग या लिंग से जोड़कर न देखें। इसके सही मायने समझने के लिए हमें इसकी सभी परतों को समझना भी जरूरी है।
अगर आप इस सीरीज में किसी अन्य शब्द को और सरलता से समझना चाहते हैं तो हमें यूट्यूब के कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
–
अधिक जानें
लेखक के बारे में
-
इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू (आईडीआर) डेवलपमेंट कम्यूनिटी में काम कर रहे नेतृत्वकर्ताओं के लिए बना भारत का पहला स्वतंत्र मीडिया प्लैटफ़ॉर्म है। हमारा लक्ष्य भारत में सामाजिक प्रभाव से जुड़े ज्ञान का विस्तार करना है। हम वास्तविक दुनिया की घटनाओं से हासिल विचारों, दृष्टिकोणों, विश्लेषणों और अनुभवों को प्रकाशित करते हैं।