IDR English

अधिक भाषाएँ

  • मराठी
  • ગુજરાતી
  • বাংলা
हल्का-फुल्का

ये सब तो कहना ही पड़ता है: ‘महिला दिवस’ विशेषांक 

महिलाओं की स्थिति वास्तव में बदले या ना बदले, लेकिन भाषणों की बड़ी-बड़ी बातें कभी नहीं बदलेंगी। सार्वजनिक मंचों पर उन बातों को दोहराना जरूरी है, जिनसे लगे कि सब ठीक चल रहा है।
महिला दिवस पर सुनी-सुनाई बातों को दोहराते दो व्यक्तियों का कार्टून चित्र_
७ मार्च २०२५ को प्रकाशित
महिला दिवस के अवसर पर एक भाषण का प्रतीकात्मक कार्टून चित्र, जिसमें एक व्यक्ति वक्ता है और अन्य लोग श्रोता_महिला दिवस

लेखक के बारे में