गर्म घर

पारंपरिक मिट्टी के ढांचे के बजाय (बाएं) ओड़िशा के हाडागरी गाँव में बनाए जा रहे नए घर ईंट और कंक्रीट (दाएं) से बने हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये घर प्रधान मंत्री ग्रामीण आवास योजना (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत बने हैं जिसमें कुछ निश्चित सामग्रियों का इस्तेमाल अनिवार्य है।
गर्मियों में तापमान आमतौर पर 40 डिग्री सेल्सियस के पारे को पार कर जाता है। और पारंपरिक मिट्टी के घरों का निर्माण इस तरह से किया जाता है जिसमें गर्मी बाहर ही रह जाती है और अंदर का हिस्सा ठंडा रहता है। गाँव के कुछ लोगों को इस बात की चिंता है कि कंक्रीट से बने उनके नए घर आने वाली गर्मियों में बहुत अधिक गर्म हो जाएंगे और रहने लायक नहीं रहेंगे। हालांकि, अगर वे पीएमएवाई-जी के तहत मिलने वाले वित्तीय सहायता को प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें इन ‘आधुनिक’ घरों को ही बनाना होगा।
तनाया जगतियानी इंडिया डेवलपमेंट रिव्यू (आईडीआर) में संपादकीय विश्लेषक हैं।
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लेखक के बारे में
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तनाया जगतियानी आईडीआर में एक संपादकीय सहयोगी हैं, जहां वह लेखन, संपादन, क्यूरेटिंग और प्रकाशन सामग्री के अलावा, फैल्यर फ़ाइल्स का प्रबंधन करती हैं। वह वेबसाइट प्रबंधन, इंटर्न की भर्ती और सलाह, और बाहरी संचार परामर्श कार्य पर भी टीम का समर्थन करती है। इससे पहले, उन्होंने कोरम बीनस्टॉक, संहिता सोशल वेंचर्स और एक्शनएड इंडिया में इंटर्नशिप किया है। तनाया ने एसओएएस, लंदन विश्वविद्यालय, से वैश्वीकरण और विकास में एमएससी और सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई, से समाजशास्त्र में बीए किया है।